भारत का एक ऐसा समुदाय जहाँ शादी के बाद सुहागरात पर ऐसी सजा दी जाती है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएँगे
हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे जानकर आपको विश्वास नहीं होगी कि 21 सदीं का हिन्दुस्तान ऐसा भी हो सकता है। दरअसल, देश में आज भी तमाम कुप्रथाएं मौजूद हैं जो देश और इस देश के नागरिकों को दुनिया के सामने शर्मसार करने के लिए काफी हैं। हम बात कर रहे हैं देश में चल रही एक ऐसी कुप्रथा की जो आज की दुनिया में भी कौमार्य की जांच से जुड़ी है। हम बात कर रहे हैं पुणे के एक ऐसे समुदाय कि जिसमें आज भी दुल्हनों की वर्जिनिटी चेक करने की प्रथा है। इस समुदाय का नाम है कंजरभाट।
दुल्हन को कमरे में जाने से पहले गहने और सभी नुकीली चीजें उतारनी पड़ती हैं. जिससे शरीर के किसी और हिस्से में कोई नुकीली चीज चुभोकर खून की बूंदें चद्दर पर ना लगाई जा सकें,कंजरभाट समुदाय में जब भी किसी पुरुष की शादी होती है, शादी के बाद नए जोड़े को एक होटल के कमरे में ले जाकर दूल्हे को एक सफेद बेडशीट दी जाती है. उसे इसका इस्तेमाल संबंध बनाने के दौरान करने को कहा जाता है इस बेडशीट का इस्तेमाल दुल्हा संबंध बनाने के दौरान करता है। आपको जानकर हैरानी होगी की सुहागरात की रात इस समुदाय के पंचायत के लोग दुल्हा-दुल्हन के कमरे के बाहर ही बैठे रहते हैं। सुबह अगर चादर पर खून का धब्बा हो तो दुल्हन को वर्जिन मान लिया जाता है। लेकिन, अगर ऐसा न हो तो ऐसी सजा मिलती है जिसे जानकर आप हैरान रहा जाएंगे…
अगर, चादर पर खून न लगे तो पंचायत के लोग दुल्हन को पहले से किसी के साथ संबंध बना चुका मान लेते हैं। इतना ही नहीं, इसके बाद दुल्हन को जाति पंचायत के कानूनों के तहत सजा भी दी जाती है, दुल्हन को प्रताड़ित किया जाता है और उसे मारा-पीटा भी जाता है। इस कुप्रथा में सबसे हैरानी वाली बात है कि वर्जिन होने का टेस्ट सिर्फ दुल्हन देती है, दूल्हे का कोई भी टेस्ट नहीं होता। हालांकि, समुदाय की कुछ महिलाओं और युवाओं ने इस कुप्रथा के खिलाफ कई बार आवाज भी उठाई है।
आपको बता दें कि कंजरभट नाम के समुदाय में दुल्हनों की सुहागरात पर वर्जिनिटी टेस्ट करने की परंपरा काफी सालों से प्रचलित है। खास बात ये है कि पंचायत को टेस्ट के लिए दुल्हन की सहमति नहीं लेनी होती है। हाल ही में इसी समुदाय के तीन युवाओं ने ‘स्टॉप द V रिचुअल’ नाम से एक मुहिम चलाकर इस कुप्रथा का विरोध किया था। ये युवा इस कुप्रथा को बंद करने के लिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं।
इन युवाओं का कहना है कि ये प्रथा पूरी तरह से गलत है। इस प्रथा के जरिए कुछ पंचायते शादी को जायज बताने के लिए घूस भी लेती हैं। युवाओं के मुताबिक, यह प्रथा किसी की प्राइवेसी का उल्लघंन है। पंचायत को किसी भी तरह से किसी के साथ ऐसा करने का हक नही है। इस कुप्रथा को रोकने के लिए इन लड़कों ने ‘Stop the V-Ritual’ नाम से एक व्हाटसअप ग्रुप बनाकर लोगों को जागरुक करने का काम किया है। हालांकि, इनमें से लड़के को एक शादी के दौरान कुछ लोगों ने यह कंपेन चलाने की वजह से पीट भी दिया।
(भी तस्वीरों का प्रयोग प्रतीक के तौर पर किया गया है)
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