Monday, January 22, 2018

एक ऐसा शहर जहाँ महज 92 दिन का पानी और बचा है, सबसे पहले इस देश में खत्म हुआ पानी.. इमरजेंसी जैसे हालात,

एक ऐसा शहर जहाँ महज 92 दिन का पानी और बचा है, सबसे पहले इस देश में खत्म हुआ पानी.. इमरजेंसी जैसे हालात,

 एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पानी की खपत की मौजूदा दर जारी रही तो वर्ष 2040 तक देश में पीने का पानी ही नहीं बचेगा अगर यही हालात रहे तो पूरी दुनिया साफ पानी को तरसेगी।

साउथ अफ्रीका के केपटाउन में पानी की वजह से गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। यह वहीं जगह है जहां भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रहे टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेला गया था। सूत्रों के मुताबिक केपटाउन में महज 92 दिन का पानी और बचा है। यहां पानी के लिए आपातकाल जैसे हालात हो गए हैं। यहां पर छह बड़े बांध है जो लगभग पूरी तरह सूख चुके हैं। अब तो यहां लोग केवल बारिश से उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन अगर आने वाले दिनों में शहर में बारिश नहीं हुई तो इसका लेवल 21 अप्रैल तक 13.5% से नीचे चला जाएगा और इसके बाद घरों में पानी सप्लाई बंद कर दी जाएगी। यह दुनिया का पहला शहर होगा, जहां पानी के लिए इमरजेंसी के हालात हैं। दक्षिण अफ्रीका की सरकार भी इस विषय को लेकर बहुत चिंतित है पानी की कमी को लेकर लोगों में टकराव तो अभी से पैदा हो गया है। शहर में लोग सूखे को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं और हिंसा की स्थिति बनी हुई है।

केपटाउन में अथॉरिटी ने 21 अप्रैल को डे-जीरो घोषित किया है और कहा जा रहा है इसके बाद लोगों के घरों में पानी आना बंद हो जाएगा। शहर को लोगों को पीने का पानी लेने के लिए लाइन में लगना होगा। इसके लिए शहर में 200 सेंटर बनाए जा रहे हैं। अभी घरों में रोजाना 87 लीटर पानी की सप्लाई हो रही है। डे-जीरो से सिर्फ 27 लीटर पानी मिलेगा।

अगर केपटाउन की जनसंख्या की बात करें तो वहां पर लगभग 37 लाख लोग रहते हैं जो अब बूंद-बूंद के मोहताज हो चुके हैं। टीमें घर-घर पहुंच कर लोगों को पानी बचानेेे के लिए जागरुक कर रही है और उनको बताया जा रहा हैै कि कम पानी में काम कैसे चलाएं। केपटाउन में सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की स्थिति खस्ता हो चुकी है। वहां का भूजल स्तर खतरनाक स्थिति तक नीचे पहुंच चुका है।

यहां के बांध प्रति व्यक्ति करीब 1000 क्यूबिक मीटर पानी स्टोर करते हैं। थीवाटरक्लूफ केपटाउन का सबसे बड़ा बांध है। शहर में 41% पानी की सप्लाई इसी डैम से होती है और इसकी क्षमता 48 लाख करोड़ घन लीटर है। रोज शहर को इससे 60 करोड़ लीटर पानी की आूपर्ति होती है। यह 10 वर्ग किमी इलाके में फैला है। शहर में 6 बड़े डैम हैं, 99.6% पानी की सप्लाई इन्हीं से होती है। पूरी दुनिया में पानी के घटते स्त्रोतों की वजह से आपसे भी हमारी यही गुजारिश है कि पानी की अहमियत को समझा जाएं और पानी की बर्बादी पर रोक लगाई जाए।

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